Sunday, November 29, 2009

कर्त्तव्य से भटकते युवा ................


आज समाज के युवा वर्ग में एक खास बात यह है की वो आपने आस पास के परिस्थितियों के अनुरूप नहीं वरन भौतिक और चमक-दमक भरी जिंदगी में उलझ् कर अपना कैरियर बर्बाद कर रहे हैं ! युवाओं का अपने बड़े बुजुर्गों के सम्मान की तनिक भी चिंता नहीं रहा गया है !उन्हें केवल अपनी मौज-मस्ती से मतलब है !घर में माँ और पिता भले ही बीमार हों उनकी परवाह ये नहीं करते , इन्हें सिर्फ अपने शौक और आराम से काम है !हम ऐसा भी नहीं कह रहे हैं की सभी एक जैसे हैं , लकिन अधिकांश युवा अपने भौतिक आराम के लिए अपने कर्तब्य से मुह मोड़ने में लगे हैं ! 

                                   हमारी संस्था जो की समाज में शैक्षणिक , और सामाजिक मूल्यों के प्रति लोगों को जागरुक करने की एक मुहीम चला रही है ! जिसमे आप सभी का सहयोग और सुझाव हमें आगे बढ़ने में सहायता करेगा और मानवीय मूल्यों को बढाने में सहायक सिद्ध होगा !

! आशा और बिश्वास के साथ सदैव तत्पर ...................................!!!

!!! इति शुभम !!