आज समाज के युवा वर्ग में एक खास बात यह है की वो आपने आस पास के परिस्थितियों के अनुरूप नहीं वरन भौतिक और चमक-दमक भरी जिंदगी में उलझ् कर अपना कैरियर बर्बाद कर रहे हैं ! युवाओं का अपने बड़े बुजुर्गों के सम्मान की तनिक भी चिंता नहीं रहा गया है !उन्हें केवल अपनी मौज-मस्ती से मतलब है !घर में माँ और पिता भले ही बीमार हों उनकी परवाह ये नहीं करते , इन्हें सिर्फ अपने शौक और आराम से काम है !हम ऐसा भी नहीं कह रहे हैं की सभी एक जैसे हैं , लकिन अधिकांश युवा अपने भौतिक आराम के लिए अपने कर्तब्य से मुह मोड़ने में लगे हैं !
हमारी संस्था जो की समाज में शैक्षणिक , और सामाजिक मूल्यों के प्रति लोगों को जागरुक करने की एक मुहीम चला रही है ! जिसमे आप सभी का सहयोग और सुझाव हमें आगे बढ़ने में सहायता करेगा और मानवीय मूल्यों को बढाने में सहायक सिद्ध होगा !
!!! इति शुभम !!